GEETA AMRIT
यदि मामप्रतीकारमशस्त्रं शस्त्रपाणयः । धार्तराष्ट्रा रणे हन्युस्तन्मे क्षेमतरं भवेत् ॥
भावार्थ
: यदि मुझ शस्त्ररहित एवं सामना न करने वाले को शस्त्र हाथ में लिए हुए
धृतराष्ट्र के पुत्र रण में मार डालें तो वह मारना भी मेरे लिए अधिक
कल्याणकारक होगा॥46॥
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